सोमवार, 18 जनवरी 2016

विवेकानंद जी के स्वाभिमान से जुड़ी हुई चार कथाएं

यह कहानियां सुनकर आप का सिर गर्व से ऊंचा हो जाएगा

पहली कहानी:-  


एक बार एक विदेशी महिला स्वामी विवेकानंद जी के समीप आ कर बोली:-  मैं आप से विवाह करना चाहती हूं.
   विवेकानंद जी बोले:-  क्यों मुझ से क्यों ?  क्या आप जानती नहीं कि मैं एक सन्यासी हूं.
 महिला बोली:- मैं आपके जैसा ही गौरवशाली सुशील और तेजस्वी  पुत्र  चाहती हूं और यह तभी संभव है जब आप मुझसे  विवाह कर ले
   विवेकानंद जी बोले:-     विवाह तो संभव नहीं परंतु एक उपाय है
"आज से मैं आपका पुत्र बन जाता हूं आप मेरी मां बन जाओ आपको स्वत: मेरे जैसा बेटा मिल जाएगा."
          इतना सुनते ही वह औरत विवेकानंद जी के चरणों में गिर गई.
दूसरी कहानी:-


स्वामी जी अमेरिका में एक सम्मेलन में भाग ले रहे थे सम्मेलन के बाद कुछ पत्रकारों ने उनसे पूछा:- कि स्वामी जी आपके देश में किस नदी का जल सबसे अच्छा है

स्वामी जी का उत्तर था कि:- यमुना नदी का जल  सभी नदियों के जल से अच्छा है

 पत्रकारों ने फिर पूछा:- स्वामीजी आपके देशवाशी तो बोलते हैं कि गंगा नदी का जल सबसे अच्छा है

 स्वामीजी का उत्तर था:- कौन कहता है गंगा नदी है गंगा तो हमारी मां है और  उसका जल, जल  नहीं अमृत  है.
  तीसरी कहानी:-


विदेश यात्रा के दौरान  स्वामी जी का भगवा वस्त्र और पगड़ी देखकर लोगों ने  पूछा कि:- आपका बाकी सामान कहां है
 स्वामी जी बोले:- बस यही सामान है
 इस पर कुछ लोगों ने  कहा कि :- अरे यह कैसी संस्कृति है आपकी तन पर केवल भगवा चादर लपेट रखी है और कोट पतलून जैसा कुछ भी पहनावा नहीं है
 इस पर स्वामी जी मुस्कुराए और बोले:- हमारी संस्कृति आपकी
संस्कृति से  अलग  है आप की संस्कृति का  निर्माण दर्जी करते हैं  और  हमारी संस्कृति का निर्माण हमारा चरित्र करता है

  स्वामी विवेकानंद जी की चौथी कहानी:-

एक एक बार स्वामी विवेकानंद जी के स्वागत के लिए कई विदेशी आए हुए थे उन्होंने हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया और इंग्लिश में अभिवादन किया
 जबाब में स्वामी जी ने दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते कहा
उन लोगों को लगा कि शायद स्वामी जी को अंग्रेजी नहीं आती है तो उनमें से एक ने हिंदी में पूछा आप कैसे हैं?
 स्वामी जी ने अंग्रेजी में इसका जवाब दिया
उन लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ
 उन्होंने स्वामी जी से पूछा कि जब हमने आपसे इंग्लिश में बात की तो आपने हिंदी में उत्तर दिया और जब हमने हिंदी में पूछा तो आपने इंग्लिश में कहा इसका क्या कारण है?
 स्वामी जी ने  जवाब दिया:-" जब आप अपनी मां का सम्मान कर रहे थे तब मैं अपनी मां का सम्मान कर रहा था और जब आपने मेरी मां का सम्मान किया तब मैंने आपकी मां का सम्मान किया"
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