स्वामी विवेकानंद जी की वह आठ बातें जो आज भी हमें राह दिखाती है
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- उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य हासिल ना कर लो|
- पवित्रता,दृढ़ता तथा उद्धम यह तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं |
- ज्ञान स्वयम में वर्तमान है, मनुष्य केवल उस का आविष्कार भर करता है |
- जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है, तब वह वास्तविक, भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है|
- एक बार विकसित हो जाने पर, धर्मसंघ में भी बना रहना अवांछनीय है| उससे बाहर निकलकर स्वाधीनता की मुक्त वायु में सांस लो|
- जब तक जीना है, तब तक सीखना है| अनुभव से श्रेष्ठ शिक्षक जगत में दूसरा कौन है?
- तुम मुझसे पूछते हो कि मैं युवा हूं, मैं क्या कर सकता हूं ? मैं तुमसे कहता हूं कि तुम युवा हो, तुम सब कुछ कर सकते हो|
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