1. कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा बोलते रहने से कुछ नहीं सीख पाता, समझदार व्यक्ति वही कहलाता है जोकि धीरज रखने वाला, क्रोधित न होने वाला और निडर होता है
2. आप अपने गुस्से के लिए दंडित नहीं हुए, आप अपने गुस्से के द्वारा दंडित हुए हो।
3. वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके एक भी संकट नहीं है.
4. बिना सेहत के जीवन जीवन नहीं है; बस पीड़ा की एक स्थिति है- मौत की छवि है l
5. अतीत में ध्यान केन्द्रित नहीं करना, ना ही भविष्य के लिए सपना देखना, बल्कि अपने दिमाग को वर्तमान क्षण में केंद्रित करना।
6. इस पूरी दुनिया में इतना अन्धकार नहीं है कि वो एक छोटी सी मोमबत्ती का प्रकाश बुझा सके.
7. पानी से सीखो: नदी शोर मचाती है लेकिन महासागरों की गहराई शांत रहती है.
8. अगर व्यक्ति से कोई गलती हो जाती है, तो कोशिश करें कि उसे दोहराएं नहीं। उसमें आनन्द ढूंढने की कोशिश न करें, क्योंकि बुराई में डूबे रहना दुःख को न्योता देता है।
9. जिस तरह से लापरवाह रहने पर, घास जैसी नरम चीज की धार भी हाथ को घायल कर सकती है, उसी तरह से धर्म के असली स्वरूप को पहचानने में हुई गलती आपको नरक के दरवाजे पर पहुंचा सकती है।
10. जूनून जैसी कोई आग नहीं है, नफरत जैसा कोई दरिंदा नहीं है, मूर्खता जैसी कोई जाल नहीं है, लालच जैसी कोई धार नहीं है.
11. यदि आप पर्याप्त शांत हैं, तो आपको ब्रह्मांड का प्रवाह सुनाई देगा. आप उसकी ताल महसूस कर पायेंगे. इस प्रवाह के साथ आगे बढिए. आगे प्रसन्नता है. ध्यान महत्त्वपूर्ण है.
12. क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं।
13. क्रोध को बिना क्रोधित हुए जीतो; बुराई को अच्छाई से जीतो; कंजूसी को दरियादिली से जीतो, और असत्य बोलने वाले को सत्य बोलकर जीतो.
14. किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, क्योंकि जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है।
15. जीवन में एकमात्र वास्तविक असफलता आप जो सर्वश्रेष्ठ जानते हैं उसके प्रति सच्चे ना होना है.
16. हमें हमारे सिवा कोई और नहीं बचाता. न कोई बचा सकता है और न कोई ऐसा करने का प्रयास करे. हमें खुद ही इस मार्ग पर चलना होगा.
17. जब आपको पता चलेगा कि सबकुछ कितना सही है तब आप अपना सर पीछे झुकायेंगे और आकाश की और देखकर मुस्कुराएंगे.
18. अगर थोड़े से आराम को छोड़ने से व्यक्ति एक बड़ी खुशी को देख पाता है, तो एक समझदार व्यक्ति को चाहिए कि वह थोड़े से आराम को छोड़कर बड़ी खुशी को हासिल करे।
19. अगर आप वास्तव में स्वयं से प्रेम करते हैं, तो आप कभी भी किसी को ठेस नहीं पहुंचा सकते.
20. भूत पहले ही बीत चुका है, भविष्य अभी तक आया नहीं है. तुम्हारे लिए जीने के लिए बस एक ही क्षण है.
21. कष्ट की जड़ आसक्ति है.
22. तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध के द्वारा दंड पाओगे.
23. अंत में ये चीजें सबसे अधिक मायने रखती हैं: आपने कितने अच्छे से प्रेम किया? आपने कितनी पूर्णता के साथ जीवन जिया? आपने कितनी गहराई से अपनी कुंठाओं को जाने दिया.
24. जो व्यक्ति, क्रोधित होने पर अपने गुस्से को संभाल सकता है वह उस कुशल ड्राईवर की तरह है जोकि एक तेजी से भागती हुई गाडी को संभाल लेता है और जो ऐसा नहीं कर पाते, वे केवल अपनी सीट पर बैठे हुए दुर्घटना की प्रतीक्षा करते रहते हैं।
25. अगर किसी के विचार गंदे हैं, अगर वह लापरवाह है और धोखे से भरा हुआ है, तो वह पीले वस्त्र कैसे धारण कर सकता है? जो कोई भी अपनी प्रकृति का स्वामी है, उज्ज्वल, स्पष्ट और सत्य है, वह वास्तव में पीले वस्त्र धारण कर सकता है.
26. अपना ह्रदय अच्छी चीजें करने में लगाओ. इसे बार-बार करो और तुम प्रसन्नता से भर जाओगे.
27. पवित्रता या अपवित्रता अपने आप पर निर्भर करती है, कोई भी दूसरे को पवित्र नहीं कर सकता.
28. व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक हो सकता है; और कौन उसकी रक्षा कर सकता है? अगर आपका खुद पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी, जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।
29. क्रोध कभी नहीं जाएगा जब तक कि क्रोध के विचारों को मन में रखा जाएगा. जैसे ही क्रोध के विचारों को भुला दिया जाएगा वैसे ही क्रोध गायब हो जाएगा.
30. इर्ष्या और नफरत की आग में जलते हुए इस संसार में खुशी और हंसी स्थाई नहीं हो सकती। अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हैं, तो आप रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते।
31. प्रसन्नता का कोई मार्ग नहीं है: प्रसन्नता ही मार्ग है.
32. एक मूर्ख व्यक्ति एक समझदार व्यक्ति के साथ रहकर भी अपने पूरे जीवन में सच को उसी तरह से नहीं देख पाता, जिस तरह से एक चम्मच, सूप के स्वाद का आनंद नहीं ले पाता है।
33. हजार लड़ाई जीतने से अच्छा है अपने आप को जीतना। फिर जीत तुम्हारी है, इसे तुमसे कोई नहीं ले सकता न ही स्वर्गदूतों द्वारा न ही राक्षसों द्वारा, न ही स्वर्ग या नरक में।
34. चलिए ऊपर उठें और आभारी रहे, क्योंकि अगर हमने बहुत नहीं तो कुछ तो सीखा, और अगर हमने कुछ भी नहीं सीखा, तो कम से कम हम बीमार तो नहीं पड़े, और अगर हम बीमार पड़े तो कम से कम हम मरे नहीं; इसलिए चलिए हम सभी आभारी रहे.
35. आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है, लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है ऐसा विश्वास करने लगते हैं।
36. यदि आपका मुख सही दिशा की ओर है, तो आपको बस कदम बढ़ाते रहना है.
37. अच्छे स्वास्थ्य में शरीर रखना एक कर्तव्य है, अन्यथा हम अपने मन को मजबूत और साफ रखने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
38. जीवन में आपका उद्देश्य अपना उद्देश्य पता करना है और उसमे जी-जान से जुट जाना है.
39. सबकुछ समझने का अर्थ है सबकुछ माफ़ कर देना.
40. एक तेज धार चाकू की तरह जीभ…. बिना खून बहाए मार देती है.
41. सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं?
42. उसने मेरा अपमान किया, मुझे कष्ट दिया, मुझे लूट लिया, जो व्यक्ति जीवन भर इन्हीं बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं, वे कभी भी चैन से नहीं रह पाते हैं। सुकून से वही व्यक्ति रहते हैं, जो खुद को इन बातों से ऊपर उठा लेते हैं।
43. इस तिहरे सत्य को सभी को सिखाओ: एक उदार दिल, दयालु भाषण, तथा सेवा और करुणा का जीवन, ये वो चीजें हैं जो मानवता को नवीनीकृत करती हैं.
44. अगर देने की ताकत के बारे में आप भी वो जानते जो मैं जानता हूँ तो आप एक बार का भी भोजन किसी तरह से साझा किये बिना नहीं जाने देते.
45. हर मनुष्य अपनी सेहत या बीमारी का रचयिता है.
46. जो क्रोधित विचारों से मुक्त हैं उन्हें निश्चय ही शांति प्राप्त होगी.
47. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता.
48. ख़ुशी अपने पास बहुत अधिक होने के बारे में नहीं है. ख़ुशी बहुत अधिक देने के बारे में है.
49. सभी प्राणियों के लिए दया-भाव रखें, चाहे वो अमीर हो या गरीब; सबकी अपनी-पानी पीड़ा है. कुछ बहुत अधिक भुगतते हैं, कुछ बहुत कम.
50. यदि समस्या का समाधान किया जा सकता है तो चिंता क्यों करें? यदि समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता तो चिंता करना आपको कोई फायदा नहीं पहुंचाएगा.
51. जो आप सोचते हैं वो आप बन जाते हैं.
52. निश्चित रूप से जो नाराजगी युक्त विचारों से मुक्त रहते हैं, वही जीवन में शांति पाते हैं।
53. सारे गलत काम मन की वजह से होते हैं. यदि मन को बदल दिया जाए तो क्या गलत काम रह सकते हैं?
54. एक जग बूँद-बूँद कर के भरता है.
55. बीते हुए कल को जाने दीजिये, भविष्य को जाने दीजिये, वर्तमान को भी जाने दीजिये, और अपने अस्तित्व की सीमाओं से बाहर झाँक कर देखिये। जब आपका मन पूरी तरह आजाद होता है, तो आप जीवन-मृत्यु को उसके सही स्वरूप में देख पाते हैं।
56. क्रोध को पाले रखना खुद ज़हर पीकर दूसरे के मरने की अपेक्षा करने के समान है.
57. यदि आप दिशा नहीं बदलते हैं तो संभवतः आप वहीँ पहुँच जायेंगे जहाँ आप जा रहे हैं.
58. मैं कभी नहीं देखता कि क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है.
59. अनुशासनहीन मन से अधिक उद्दंड और कुछ नहीं है, और अनुशासित मन से अधिक आज्ञाकारी और कुछ नहीं है.
60. ख़ुशी उन तक कभी नहीं आएगी जो उसकी सराहना नहीं करते जो उनके पास पहले से मौजूद है.
61. एक भिक्षुक जिस किसी भी चीज के पीछे अपने सोच-विचार से लगा रहता है, वही उसकी जागरूकता का झुकाव बन जाता है.
62. सच्चा प्रेम समझ से उत्पन्न होता है.
63. शरीर को अच्छी सेहत में रखना हमारा कर्तव्य है…. नहीं तो हम अपना मन मजबूत और स्पष्ठ नहीं रख पायेंगे.
64. झूठ बोलने से बचना अनिवार्य रूप से पथ्य है.
65. जिस क्षण आप सारी सहायता अस्वीकार कर देते हैं आप मुक्त हो जाते हैं.
66. आप चाहे जितने पवित्र शब्द पढ़ लें, चाहे जितने बोल लें, वे आपका क्या भला करेंगे यदि आप उन पर कार्य नहीं करते हैं?
67. तुम्हारा सबसे बड़ा शत्रु तुम्हे उतना नुक्सान नहीं पहुंचा सकता जितना कि तुम्हारे खुद के बेपरवाह विचार. लेकिन एक बार काबू कर लिया जाए तो कोई तुम्हारी इतनी मदद भी नहीं कर सकता, तुम्हारे माता-पिता भी नहीं.
68. बुराई अवश्य रहना चाहिए, तभी तो अच्छाई इसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सकती है।
69. ख़ुशी इसपर निर्भर नहीं करती कि आपके पास क्या है या आप क्या हैं. ये पूरी तरह से इस पर निर्भर करती है कि आप क्या सोचते हैं.
70. एक कुत्ता इसलिए अच्छा नहीं समझा जाता क्योंकि वो अच्छा भौंकता है. एक व्यक्ति इसलिए अच्छा नहीं समझा जाता क्योंकि वो अच्छा बोलता है.
71. जो जगा है उसके लिए रात लम्बी है; जो थका है उसके लिए दूरी लम्बी है, जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है.
72. तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकतीं, सूर्य, चंद्रमा और सत्य.
73. मौत एक विचलित मन वाले व्यक्ति को उसी तरह से बहा कर ले जाती है, जिस तरह से बाढ़ में एक गांव के (नींद में डूबे हुए) लोग बह जाते हैं।
74. जो आप सोचते हैं, वो आप बन जाते हैं. जो आप महसूस करते हैं, उसे आओ आकर्षित करते हैं. जिसकी आप कल्पना करते हैं, उसका आप निर्माण करते हैं.
75. एक मोमबत्ती से हजारों मोमबत्तियां जलाई जा सकती हैं, और उस मोमबत्ती का जीवन घटेगा नहीं. ख़ुशी कभी भी बांटने से घटती नहीं है.
76. इच्छाओं का कभी अंत नहीं होता। अगर आपकी एक इच्छा पूरी होती है, तो दूसरी इच्छा तुरंत जन्म ले लेती है।
77. किसी चीज पर यकीन मत करो, ये मायने नहीं रखता कि आपने उसे कहाँ पढ़ा है, या किसने उसे कहा है, कोई बात नहीं अगर मैंने ये कहा है, जब तक कि वो आपके अपने तर्क और समझ से मेल नही खाती.
78. यदि हम स्पष्ट रूप से एक फूल के चमत्कार को देख सकें, तो हमारा पूरा जीवन बदल जाएगा.
79.शक की आदत सबसे खतरनाक है। शक लोगों को अलग कर देता है। यह दो अच्छे दोस्तों को और किसी भी अच्छे रिश्ते को बरबाद कर देता है।
80.हर सुबह हम पुनः जन्म लेते हैं. हम आज क्या करते हैं यही सबसे अधिक मायने रखता है.
81. चन्द्रमा की तरह, बादलों के पीछे से निकलो! चमको.
82.ये सोचना हास्यास्पद है कि कोई और आपको प्रसन्न या अप्रसन्न कर सकता है.
83. कोई भी व्यक्ति सिर मुंडवाने से, या फिर उसके परिवार से, या फिर एक जाति में जनम लेने से संत नहीं बन जाता; जिस व्यक्ति में सच्चाई और विवेक होता है, वही धन्य है, वही संत है।
84. तुम्हारा शरीर कीमती है. यह हमारे जागृति का साधन है. इसका ध्यान रखो.
85.आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये. जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती.
86. मैं दुनिया के साथ मतभेद नहीं करता; बल्कि ये दुनिया है जो मेरे साथ मतभेद करती है.
87. आप तब तक उस मार्ग पर नहीं चल सकते जब तक आप खुद वो मार्ग नहीं बन जाते.
88. अपने बराबर या फिर अपने से समझदार व्यक्तियों के साथ सफ़र कीजिये, मूर्खो के साथ सफ़र करने से अच्छा है अकेले सफ़र करना।
89. किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं.
90. जिस तरह से एक तीर बेचने वाला अपने तीर को सीधा करता है, उसी तरह से एक समझदार व्यक्ति खुद को साध लेता है।
91. शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है. शक लोगों को अलग करता है. यह एक ऐसा ज़हर है जो मित्रता ख़त्म करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है. यह एक काँटा है जो चोटिल करता है, एक तलवार है जो वध करती है.
92.अपने अहंकार को एक ढीले-ढाले कपड़े की तरह पहनें.
93. आप केवल वही खोते हैं जिससे आप चिपक जाते हैं.
94. एक योजना जिसे विकसित कर क्रियान्वित किया जाता है वो उस योजना से अच्छी है जो बस एक योजना के रूप में ही मौजूद है.
95. जिस तरह से तूफ़ान एक मजबूत पत्थर को हिला नहीं पाता, उसी तरह से महान व्यक्ति, तारीफ़ या आलोचना से प्रभावित नहीं होते।
96. सभी बुराइयों से दूर रहने के लिए, अच्छाई का विकास कीजिए और अपने मन में अच्छे विचार रखिये-बुद्ध आपसे सिर्फ यही कहता है।
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